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Showing posts from May, 2019

Tariq Azeem Tanha On Goverment

देखियेगाआप के हर बात पे सियासत होगी, फिर ख़तरे में इस मुल्क़ की जमुरियत होगी! कूचे-कूचे क़त्ल होंगे खून बहेगा चारो ओर, चिथड़े पड़े होंगे, दिलो में और नफ़रत होगी! हिज़्बे-इक़्तिदार चूर होंगे नशे में सियासत के, हिज़्बे-मुखलिफ़ीन जैसे क़ुर्बे-क़यामत होगी! सरकार के हक़ में फ़ैसला मुंसिफ का होगा, सरकार के कदमों में पड़ी ये अदालत होगी! लटकी हुई लाश पेड़ो पर ये बोलेगी सबको, मेरे खून के धब्बों से सुखरू सदाक़त होगी! फिरौन ना मिटा पाया हमे तो तू है क्या शै, ग़र्क़ दरिया में होगा गर तेरी हिमाकत होगी! आँखों में मेरी ख़्वाब भी 'तनहा' जंग का हैं, और यक़ीनन मुझे भी हासिल शहादत होगी! तारिक़ अज़ीम 'तनहा'