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Showing posts from November, 2020

सारा शगुफ्ता Sara Shagufta

आज सारा शगुफ़्ता की विलादत का दिन है गुजरांवाला में पैदा हुयीं उन्हें पढ़ने लिखने का ख़ूब शौक़ था लेकिन इसके बावजूद मैट्रिक भी पास न कर सकीं उनकी सौतेली मां और  तीन मजीद शादियां जिनमें 2 शौहर शायर थे इन्हें ज़हनी अज़ीयत से मुब्तला कर दिया गया सारा लिखती हैं एक शाम शायर साहब ने कहा आप से ज़रूरी बात करनी है फिर एक रोज़ रेस्टोरेंट में मुलाक़ात हुई उसने कहा शादी करोगी दूसरी मुलाक़ात में शादी तय हो गयी अब काज़ी के लिए पैसे नहीं थे मैने कहा आधी फ़ीस तुम क़र्ज़ ले लो और आधी में चूंकि घर वाले शरीक़ नहीं होंगे मेरी तरफ़ से गवाह भी लेते आना एक दोस्त से मैने उधार कपड़े मांगे और मुकर्रर जगह पर पहुंची और निकाह हो गया काज़ी साहब ने फ़ीस के अलावा मिठाई का डब्बा भी मंगवा लिया तो हमारे पास कुल छ: रुपए बचे में लालटेन की रोशनी में घूंघट काढ़े बैठी थी शायर ने कहा दो रुपए होंगे बाहिर मेरे दोस्त ग़ैर किराए के बैठे होंगे मैने दो रुपए दे दिए और फिर कहा हमारे यहां बीवी नौकरी नहीं करती नौकरी से भी हाथ धोए घर में रोज़ तरीन याफ्ता शायर और नक़्क़ाद आए और एलियट की तरह बोलते और कम अज़ कम मेरे ख़मीर में इल्म की वहशत

Sahir Ludhiyanavi साहिर लुधियानवी

आज मेरे पसंदीदा गीतकार साहिर साहब की पुण्यतिथि है , साहिर वाक़ई क़लम के साहिर थे वैसे उन्होंने कई नग़्में दिए पर अगर सिर्फ़ में  दो गीत कहूं "तू हिंदू बनेगा न मुसलमान बनेगा जिसे रफ़ी साहब ने स्वर दिया है और दूसरा औरत की पीड़ा को उन्होंने जिस तरह 50 के दशक में बयां किया है औरत ने जन्म दिया मर्दों को" ये दिए होते तो भी साहिर मेरे पसंदीदा गीतकार होते ! चलो फिर अजनबी बन जाएं ,तेरी दुनिया में जीने से तो बेहतर है कि मर जाएं,हम ने सुना था एक है भारत ,वो सुबह कभी तो आएगी, ऐसे गीत या उनके द्वारा कहे गए भजन ईश्वर अल्लाह तेरो नाम या 60 के दशक में कहे गए भजन मन ही देवता, मन ही ईश्वर, मन से बड़ा न कोय इस तरह के भजन मुझे बहुत पसंद हैं या नज़्म परछाइयां  रोमांटिक शायर होने के साथ उन्होंने संजीदा शायरी भी की "कि कौन रोता है किसी और की खातिर ए दोस्त ,सबको अपनी ही किसी बात पे राना आ गया " इन्क़लाब भी उनके अंदर झलकता है 'हम अम्न चाहते हैं मगर ज़ुल्म के ख़िलाफ़ , गर जंग लाज़मी है तो फिर जंग ही सहीह'              जागीरदार का बेटा बचपन में पिता के साथ समझौता किया और मां के साथ रहन