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Showing posts from July, 2017

आसेब तो नहीं...

   जहाँ भी मैं गया मेरा पीछा ना छोड़ा, ये तेरी याद ही हैं ना कोई आसेब तो नहीं! आसेब;- भूत-प्रेत तारिक़ अज़ीम 'तनहा'

हज़रते-तनहा

क्योंकर हुए हज़रते-'तनहा' बे-ख़िरद, बायस कहीं इश्क़-ओ-जबाँ तो नहीं! बे-ख़िरद;- नासमझ बायस;- वजह तारिक़ अजीम 'तनहा'

उर्दू लफ़्ज़ों के हिंदी माईने

बान= रक्षक बानो= संभ्रान्त महिला, कुलीन स्त्री बे नज़ीर= अनुपम, अनूठा, जिसके कोई बराबर का न हो बे नसीब= अभागा — आफत (अरबी) - विपत्ति, Difficulty/Problem औजार (अरबी) - उपकरण, Tool औकात (अरबी) क्षमता, Capability हैसियत (अरबी) - क्षमता, Capability मजाल (अरबी) - क्षमता, Capability इश्तहार (अरबी) - विज्ञापन, Advertisement इंतज़ाम (अरबी) - प्रबंध, Arrangement महफूज़ (अरबी) - सुरक्षित, Safe महसूस (अरबी) - आभास, Feeling Primary table Shabd Source Khadi Boli Meaning Mahsoos Arabic Aabhas Feeling Mahfil Arabic Sabha Meeting/Party Humesha Farsi Sada Forever Hifazat Arabic Raksha Protection Hamla Arabic Aakraman Attack Harkat Arabic Hilna Movement Hargiz Farsi Kadapi Never Har Farsi Prateyak Each Haya Arabic Laaj Shy Hissa Arabic Bhaag Part/Share Hisaab Arabic Lain-Dain Accounts Haal Arabic Dasha Condition Kadam Arabic Pag Step Kamar Farsi Kati Waist Kamzor Farsi Durbal Weak Kadar Arabic Maan Appreciation Kasam Arabic Saugandh Promise Kasar Arabic Kami Shortcoming

ग़ज़ल का इतिहास।

ग़ज़ल क्या है – तार िक अज़ीम ' तनहा' जब कभी यह प्रश्न पूछा जाता हैं कि ग़ज़ल क्या हैं तो सवाल सुन कर मन कुछ उलझन में पड जाता हैं। क्या यह कहना ठीक होगा कि ग़ज़ल जज़्बात और अलफाज़ का एक बेहतरीन गुंचा या मज़्मुआ हैं? या यह कहें कि ग़ज़ल उर्दू शायरी की इज़्ज़त हैं, आबरू है? लेकिन यह सब कहते वक़्त मन में एक प्रश्न उभरता हैं कि क्या यह सच हैं! माना कि ग़ज़ल उर्दू काव्य का एक अत्यंत लोकप्रिय, मधुर, दिलकश औऱ रसीला अंदाज़ हैं मगर यह भी उतना ही सच हैं कि उर्दू साहित्य में ग़ज़ल चर्चा का एक विषय भी बनी रही हैं। एक तरफ तो ग़ज़ल इतनी मधुर हैं कि वह लोगों के दिलों के नाज़ुक तारों को छेड देती हैं औऱ दूसरी ओर वही ग़ज़ल कुछ लोगों में कुछ ऐसी भावनाएं पैदा करती हैं कि जनाब कलीमुद्दीन अहमद साहब इसे ‘नंगे-शायरी’ यानी बेहूदी शायरी कहते हैं। जनाब शमीम अहमद शमीम इसे मनहूस शैली की शायरी कहते हैं, और जनाब अज़्मतुल्लाख़ान साहब तो यह कहने में ज़रा भी नहीं हिचकिचाते कि, ‘ग़ज़ल क़ाबिले गर्दन ज़दनी हैं’, यानी इसे जड से उखाड फेंकना चाहिये। वैसे तो ‘ग़ालिब’ भी यह कहते हैं कि- बक़द्रे शौक़ नहीं ज़र्फे तंगना-

उर्दू लफ़्ज़ों के हिंदी सरल अर्थ

उर्दू शब्दों के सरल हिन्दी पर्याय अक़्ल = बुद्धि, तर्क, ज्ञान, मति, प्रज्ञा, मस्तिष्क, ग्यान, अकबर = सबसे महान, महानतम, महत्तम, अकसर = अधिकतर, बहुत बार, बहुधा, विशेषकर, प्रायः, लगभग, सदा, सर्वदा, अख्ज़ = पकड़नेवाला, लेनेवाला, छीनने वाला, लोभी अख़बार = समाचार, समाचारपत्र, वृत्तपत्र, वर्तमान पत्र, सामयिक पत्र, अगर = यदि, तथापि, अग्यार = अजनबी, प्रतिद्वन्दी (गै़र का बहुवचन) अगल़ात = अशुद्धियां (गल़त का बहुवचन) अर्जमन्द = महान अऱ्ज = धरती, क्षेत्र, पृथ्वी अजनबी = आगंतुक, विदेशी, परदेसी, अपरिचित, अज़ल = अनन्तकाल, सनातनत्व, नित्यता अजब = कौतुक, आश्चर्य, असाधारण, अजीब = आश्चर्यजनक, अद्भुत, निराला अज़ाब = पीड़ा, सन्ताप, दंड अज़ीज़ = प्रिय, माननीय, आदरणीय, गुणवान अज़ीम = महान, विशाल, उच्च मर्यादा वाला अटक =विघ्न, बाधा अत्त्फ़ाल = बच्चे, संतति (तिफ़्ल का बहुवचन), संतान, पुत्र-पुत्रियाँ, अत्फ़ = दया, भेंट, प्रेम, कृपा अदा = ऋण चुकाना, अदा = मनोहरता, श्रृंगार, सुन्दरता, अभिनय, अदीब = विद्वान, जानकार, तज्ञ, अदालत = न्यायालय, न्याय, कानून अदम = शून्य, अस्तित्वहीन, अभाव, अन