Skip to main content

Posts

Showing posts from May, 2018

मेरी भी शानो-शौकत की झोंपडी थी।

शहर सा था कभी अब जंगल हो गया हूँ, खुशकिस्मती देखिये की पागल हो गया हूँ! गज़ले-मुमताज़ दफ़न हैं दिल की इमारत में, शहज़ादा शाहजहाँ का ताजमहल हो गया हूँ! गीत, ग़ज़लो से सभी पर प्यार लुटाता हूँ, खुशबू बिखेरता एक संदल हो गया हूँ! अपना मयार बढ़ाओ गर समझना हैं मुझे, पागल तुम भी बनो, मैं तो पागल हो गया हूँ! हमने तेरी जुदाई को हैं अपने फन में ढाला, कभी गीत लिखे, तो कभी ग़ज़ल हो गया हूँ! कभी हम दोनो भाई साथ-साथ रहते थे, दस्तार की वजह से अदल-बदल हो गया हूँ! कभी मेरी भी शानो-शौकत की झोपडी थी, 'तनहा' जब से हूँ, उजड़ा महल हो गया हूँ! तारिक़ अज़ीम 'तनहा'

आली जनाब

जिगर पे फिर चोट खाना हो गया हैं, फिर दिल उनका निशाना हो गया हैं। मेरे सर झूठ मँढ़ने लगे वो कमबख्त, घर में एक बातिल-खाना हो गया हैं! अब जिंदगी का हैं यही मेरे मकसद, कातिलो को जिन्दा दफनाना हो गया! जाहिलो को अपने खून से मैं जला दूँ, मेरा खून इतना गर्माना हो गया हैं! सुनू हूँ बात तो कानो पे हाथ धरु हूँ, कितना झूठा अब ज़माना हो गया हैं! एक पे एक बोलते रहते नया झूठ, बातो का उनकी कारखाना हो गया हैं! अब मैं जरा आसमाँ पे क्या चमका, मेरा सर उनका निशाना हो गया हैं! तू करे झगडा तो फिर सुनले तुझको, लाजिम जाहिल बताना हो गया हैं! अक्सर मेरा पीछा किया करते हैं वो, कहाँ-कहाँ आना-जाना हो गया हैं! कातिलो की ये ओछी मिसाल हैं के, गले तक मेरे हाथ आना हो गया हैं! बे-वजह तोहमते लगायी लड़की पर, गले को उसके दबाना हो गया हैं! साक़ी जहाँ बैठा छलका वहीं जाम, चलता फिरता मयखाना हो गया हैं! 'तनहा' जिक्र जब छिड़ा महफ़िल, आँखों से अश्क़ रवाना हो गया हैं। सुनू हक़ की तनहा जब कभी मैं, सोचूँ कमबख्त जमाना हो गया हैं! तारिक़ अज़ीम 'तनहा'

यादो के आईने

यादो    के   आईने   में  तुझे   सुबहो-शाम  देखूँ, कहकर   तेरे  तस्सवुर   पे  मैं  भी  कलाम  देखूँ। घर    से    निकलके रोज़   जाता  हूँ   मैं  किधर, पीछा  अपना  करके वो मंज़िल-ओ-मकाम देखूँ। लबरेज़  हैं   ये   खातिर तेरे उफ़क-ए-सितम से, और  अहले-कालिब  को छलनी सरे-शाम देखूँ। तू  नज़र  तो  आ ऐ जाँ, ये मेरे दिल की हैं फुगाँ, तुझे  देखने  को जालिम  तेरा दर-ओ-बाम देखूँ। ये  जो आराइशे-ग़म हैं, ये हैं जमाले-इश्क़ यारो, तुम  मेरी  गिरिया   देखो,  मैं इश्के-अंजाम देखूँ। दौरे-हाज़िर  में  'तनहा', ये  हैं जीने  का सलीक़ा, तुम  अपना  काम   देखो, मैं  अपना  काम देखूँ। तारिक़ अज़ीम 'तनहा'

उर्दू से हिंदी शब्दकोष

🌹🌹 *उर्दू से हिंदी शब्द कोश*🌹🌹                    *क़िस्त 68* 🔹इफ़्तिराक़ افتراق (पु०अ०)जुदाई पैदा करदेना,फूट डालना,विग्रह 🔹इफ़्फ़त  عفت(स्त्री०अ०)बुरे कामों से बचना,सदाचार,पर-स्त्रीगमन या पर-पुरूषगमन से बचना।🔹इफ़्फ़त-मआब عفت مآب(वि०अ०)सदाचारी 🔹इफ़रात افراط(स्त्री०अ० )ज़्यादती। 🔹इफ़्रीत عفریت (पु०अ०)भूत-प्रेत भयानकता। 🔹इफ़्लास افلاس(पु०अ०)निर्धनता,ग़रीबी,तंग दस्ती,मुफ़लिसी । 🔹इफ़्हाम  افہام(पु०अ०)समझाना। 🔹इबरत عبرت(स्त्री०अ०-इब्रत)बुरे काम से मिलने वाली शिक्षा,नसीहत,भय। 🔹इबरत-अंगेज़ عبرت انگیز(वि०अ०-इब्रत+फ़ा०-अंगेज़)जिस से कुछ शिक्षा मिले। 🔹इबरतनाक عبرت ناک (वि०अ०) भय दिलाने वाला। 🔹इबरीक़ عبریق(पु०अ०)पानी पीने का लोटा। 🔹इबलाग़ ابلاغ(पु०अ०)पहुँचाना,भेजना। 🔹इबलीस ابلیس(पु०अ०)शैतान,शरीर,ईश्वर की रहमत से ना उमीद। 🔹इबहाम  ابہام (पु०अ०-इब्हाम)अंगूठा,गोल मोल बात कहना,स्पष्टीकरण या व्याख्या करना। 🔹इबादत عبادت(स्त्री०अ०)ईश्वर की उपासना,पूजा। 🔹इबादतकदा عبادت کدہ     इबादत ख़ाना عبادت خانہ     (पु०अ०फ़ा०)इबादत गाह,मन्दिर या मस्जिद । क्रमशःजारी ----------  

उर्दू से हिंदी शब्द कोश

🌹🌹 *उर्दू से हिंदी शब्द कोश*🌹🌹                    *क़िस्त 67* 🔹इफ़लास  افلاس(पु०अ०-इफ़्लास)दरिद्रता,ग़रीबी। 🔹इफ़लाह  افلاح(पु० अ०-इफ़्लाह)भलाई,उपकार। 🔹इफ़शा,अ افشا(पु०अ०-इफ़्शा) प्रकट करना,ज़ाहिर करना। 🔹अफ़शां افشاں(स्त्री०फ़ा०)चाँदी सोने का बुरादा जो औरतें बालों पर छिड़कती या मांग पर लगाती हैं,जो चीज़ छिड़की जाय। 🔹अफ़शानी افشانی(वा०स्त्री०फ़ा०)छिड़कना,बिखेरना। 🔹अफ़शुरदह افشردہ(वि०फ़ा०)निचोड़ा हुआ,पु०-वो शरबत जो फल इत्यदि निचोड़ कर बनाई जाय। 🔹इफ़हाम افہام(पु०अ०)समझाना। 🔹इफ़ाक़ा افاقہ)पु०अ०-इफ़ाकः)रोग आदि में कमी,होश में आना। 🔹इफ़ादत افادت(स्त्री०अ०)हित करना,लाभ पहुँचाना। 🔹इफ़दा افادہ( पु०अ०)लाभ,राहत। 🔹इफ़्तख़ार   افتخار(पु०अ०-इफ्तिख़ार)फ़ख़्र या अभिमान करना,प्रतिष्ठा,इज़्ज़त। 🔹इफ़्तताह افتتاح(पु०अ०)पु०अ०)खोलना,ज़ाहिर करना,बेनक़ाब करना,शुरू करना। 🔹इफ़्तिरा افترا(पु०अ०)झूठा कलंक,तोहमत। 🔹इफ़्तिरा परदाज़ افترا پرداز --तोहमत लगाने वाला,इल्ज़ाम लगाने वाला। 🔹इफ़्तिरा परदाज़ी افتراپردازی--बुहतान लगाना,तोहमत रखना,इल्ज़ाम लगाना। क्रमशःजारी ----------