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Showing posts from 2019

हर बार जैसा करता था ....

हर बार जैसा करता था वैसा नहीं किया, रुकने का मैंने उसको इशारा नहीं किया! हर सू दिखूंगा मैं ही जब इश्क़ तुमको होगा, अभी खुद को तुमने मेरा दीवाना नहीं किया! गुज़र जाऊंगा हद से तो हो जाऊंगा पागल, इश्क़ में मैंने खुद को यूँ रांझा नही किया! हमेशा रखी है लाज तेरी आन-बान की, मैंने कभी भी तेरा कहीं चर्चा नहीं किया! खुद हो गए रुसवा इस जहान-ए-फानी से, लेकिन कभी भी तुझको 'तनहा' नहीं किया! तारिक़ अज़ीम 'तनहा'

Baat Baat Pe Kasme

बात-बात पे क़समें खाने वाले लोग, अच्छे नही होते यक़ी दिलाने वाले लोग, टूटे, फूटे, बिखरे होते है वो अंदर से बहुत, बाहर से खुश नज़र आने वाले लोग! एक वो है के जिसने तुझको पा लिया, एक हम हैं के तुझको चाहने वाले लोग! तकाज़ा है की बचा जाए उनसे अब, जो हैं बातें इधर की उधर लगाने वाले लोग! हक़ीक़त में दबाते हैं हक़ीक़त को वो, हक़ीक़त में हक़ीक़त बताने वाले लोग! दुआ हैं मेरी खुदाया उठा ले उनको जो, ज़माने में हैं फ़ित्ना उठाने वाले लोग! क़फ़स में 'तनहा' यही सोचता हूँ रोज़, याद करते हैं क्या मुझे ज़माने वाले लोग! Tariq azeem tanha

Tariq Azeem Tanha On Goverment

देखियेगाआप के हर बात पे सियासत होगी, फिर ख़तरे में इस मुल्क़ की जमुरियत होगी! कूचे-कूचे क़त्ल होंगे खून बहेगा चारो ओर, चिथड़े पड़े होंगे, दिलो में और नफ़रत होगी! हिज़्बे-इक़्तिदार चूर होंगे नशे में सियासत के, हिज़्बे-मुखलिफ़ीन जैसे क़ुर्बे-क़यामत होगी! सरकार के हक़ में फ़ैसला मुंसिफ का होगा, सरकार के कदमों में पड़ी ये अदालत होगी! लटकी हुई लाश पेड़ो पर ये बोलेगी सबको, मेरे खून के धब्बों से सुखरू सदाक़त होगी! फिरौन ना मिटा पाया हमे तो तू है क्या शै, ग़र्क़ दरिया में होगा गर तेरी हिमाकत होगी! आँखों में मेरी ख़्वाब भी 'तनहा' जंग का हैं, और यक़ीनन मुझे भी हासिल शहादत होगी! तारिक़ अज़ीम 'तनहा'

गूंज 2019 day 3

गोविंद बल्लभ पंत इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी संस्थान घुड़दौडी, के तीन दिवसीय वार्षिक सांस्कृतिक कार्यक्रम "गूंज-2019" का तीसरे दिन भी छात्र छात्राओं की रंगारंग प्रस्तुतियों ने दर्शकों का खूब मनोरंजन किया। इसके अलावा टीएसआर द्वारा की गई कड़ी मेहनत का परिचय यांत्रिकी विभाग के तृतीय वर्ष के छात्र करण कुकरेती ने एक वीडियो द्वारा दिया। जिसमें ऑडिटोरियम में उपस्थित सभी छात्रों ने तालिया बजाकर उनका मनोबल बढ़ाया। करण ने बताया की कैसे उन्होंने टीएसआर वाहन को बनाया और आईआईटी जैसे पर संस्थानों को सवितार रेसिंग में हराया। इसके बाद मशहूर गढ़वाली गाना 'चैता की चैतवाल' पर संगीत देने वाले कॉलेज के पूर्वछात्र गुंजन डंगवाल और थर्ड बटन स्टूडियो के डायरेक्टर राहुल रावत ने अपने गाने की प्रतुती देकर तालियों की गडगड़ाहट बटोरी। कार्यक्रम को आगे बढाते हुए फिर गूंज की फ़िल्म प्रदर्शित की गई जिसमें अपोलो ने 'आहट', रैंप ने 'फोर्थ चैप्टर', एकरीस ने 'उड़ान', और टीम सिविकस के अमित राणा और सूर्या भंडारी, शुभम सिंह बिष्ट ने बेटी के प्रति पिता का प्यार दिखाकर दर्शको को खड़े होकर दिल स

गूंज 2019 day 2

जी. बी. पंत इंजीनियरिंग कॉलेज घुडदौडी में चल रहे वार्षिक कार्यक्रम गूंज 19 का शुभारंभ इंग्लिश सोलो से हुआ जिसमें सभी विभागों के छात्र ने प्रस्तुति दी। इसके बाद ड़वेट् गाने की प्रस्तुति दी गयी जिसमे संगणक विभाग के प्रतिभागी ने 'कोई मिल गया' विद्युतीय विभाव ने 'पिया तू अब तो आजा' और सिविल अभियांत्रिकी से शीतल और करिश्मा ने 'मेरे ढोलना सुन, मेरे प्यार की धुन' पर प्रस्तुति दी। सेफ कम्पोज़ सॉन्ग/ स्वरचित गाने पर अपोलो टीम से अक्षय भट्ट, शुशांत रेवानी ने 'भूल जाने दो', यांत्रिक अभियांत्रिकी से गुरु गुसाईं ने 'कितने जमाने गए यार मेरे सभी पुराने' पर प्रस्तुति देकर बच्चों का मनोरंजन किया। इसके बाद युगल नृत्य में संगणक विभाग के छात्र ने 'दिल वालो के दिल का करार लूटने', विद्युतीय विभाग के प्रतिभागी ने 'शिव तांडव', सिविल विभाग के छात्रों ने 'ओ जाने जानां' इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग ने 'जब कोई बात बिगड़ जाए', यांत्रिक अभियांत्रिकी की मानसी शाह ने 'सोना कितना सोना हैं' पर प्रस्तुति दी। इसके महिला एकल में संगणक विभाग की छात्रा ने

She Still Waiting For Mee

वो  आज    भी   मेरा  इंतज़ार करती हैं, कहते हैं अब भी मुझे वो प्यार करती हैं! रो-रोकर    तमाम  रात   मेरी  यादों  में, आँखों   को   अपनी दो  चार करती हैं! ज़बाँ  करती  हैं इज़हार कुछ और मगर, आँखे   कुछ  और ही इज़हार करती हैं! मुझसे प्यार हैं उसको पर ना जाने क्यों, मिलती हैं  हर बात पे तक़रार करती हैं! आती हैं  तो छा जाती हैं चेहरे पर हसी, चली  जाती हैं तो मुझे बेज़ार करती हैं! 'तनहा'  कदमों में  पड़ी होंगी एक रोज़, जो सब शोहरतें मुझे इनकार करती हैं! तारिक़ अज़ीम 'तनहा'

अनसुने शेर

*ऐसे बहुत से अशआर हैं, जिनका एक ही मिसरा इतना मशहूर हुआ कि लोग दूसरे मिसरे को तो भूल ही गये। ऐसे ही चन्द मशहूर अशआर यहाँ पेश हैं:* "ऐ सनम वस्ल की तदबीरों से क्या होता है, *वही होता है जो मंज़ूर-ए-ख़ुदा होता है।*" *- मिर्ज़ा रज़ा बर्क़* "ऐ 'ज़ौक़' देख दुख़्तर-ए-रज़ को न मुँह लगा, *छूटती नहीं है मुँह से ये काफ़िर लगी हुई।"* दुख़्तर-ए-रज़ = शराब *- शेख़ इब्राहीम ज़ौक़* "भाँप ही लेंगे इशारा सर-ए-महफ़िल जो किया, *ताड़ने वाले क़यामत की नज़र रखते हैं।"* *- माधव राम जौहर* "चल साथ कि हसरत दिल-ए-मरहूम से निकले, *आशिक़ का जनाज़ा है, ज़रा धूम से निकले।"* *- मिर्ज़ा मोहम्मद अली फिदवी* "दिल के फफूले जल उठे सीने के दाग़ से, *इस घर को आग लग गई,घर के चराग़ से।"* *- महताब राय ताबां* "ईद का दिन है, गले आज तो मिल ले ज़ालिम, *रस्म-ए-दुनिया भी है,मौक़ा भी है, दस्तूर भी है।"* *- क़मर बदायुनी* "ख़ंजर चले किसी पे, तड़पते हैं हम 'अमीर', *सारे जहाँ का दर्द हमारे जिगर में है।"* *- अमीर मीनाई* "क़ैस जंगल मे

तेरी यादें हैं....

तेरी यादों हैं, और अश्क़बारी हैं, हमपे कैसी ये फ़िराक़तारी हैं! मैंने दिल में उसे बसाया हैं, वो जो सूरत सबसे प्यारी हैं! बस तेरा ही नशा हैं मुझमें, बस तेरी ही अब खुमारी हैं! वो जो सूरत दिल मे रहती हैं, शायरी में उसे उतारी हैं! जो गुज़ारी ना सकी मुझसे, बिन तेरे वो भी शब गुज़ारी हैं! वो हसीं पल भी सब हमारे थे, ये शबे-हिज़्रा भी हमारी हैं! शबभर हम न सो सके लेकिन, आंखे बोझल क्यो तुम्हारी हैं! अपने बस में ही नहीं कब से, 'तनहा' ऐसी जिंदगी हमारी हैं! तारिक़ अज़ीम 'तनहा'

ग़ज़ल कैसे लिखे, how to write a gazal 5

फ़िल्मी गानों की तकती - :बहर: पार्ट - 5 फ़िल्मी गानों की तकती ����������������������� (61)   *न जाओ सैयां छुडा के बैयाँ कसम तुम्हारी मैं रो पडूँगी |            Na1 ja2 oo1 saii2 ya1 chu1 daa2 ke1 baiy2 ya2 ka1 sam2 tu1 mha2 ri1 mai1 ro2 pa1 dun2 gi2            *न आदमी का कोई भरोसा न दोस्ती का कोई ठिकाना |                         *तुम्हारी दुनिया से जा रहे हैं उठो हमारा सलाम ले लो |              *तुम्हारी आँखों में हमने देखा वफ़ा की शबनम झलक रही है |             121 / 22 / 121 / 22 / 121 / 22 / 121 /22            ( mutaqarib musamman muẓaf maqbuz aslam ) ����������������������� (62)   *रहा गर्दिशों में हरदम मेरे इश्क का सितारा |           Ra1 haa1 gar2 di1 sho2 me1 har2 dum2// me1 re1 ish2 q1 ka2 si1 taa2 raa2             *ये न थी हमारी किस्मत के विसाल-ए-यार होता |              Ye1 na1 thi2 ha1 maa2 ri1 kis2 mat2 ke1 vi1 saa2 le1 yaa2 r1 ho2 ta2 (63)   *मैं तुम्हीं से पूछती हूँ मुझे तुमसे प्यार क्यूँ है |           1121-2122//1121-2122 [1121 ko 221 bhii use kar sakte ha

ग़ज़ल कैसे लिखे, how to write a gazal 4

फ़िल्मी गानों की तकती - :बहर: पार्ट - 4 फ़िल्मी गानों की तकती �����������������������   (46) *छोड़ दो आँचल ज़माना क्या कहेगा           *तू गंगा की मौज मैं ज़मुना किनारा           * अंग्रेजी में कहते हैं कि आई लव यू             Ang2 re1 zi2 me2 kah2 te1 hai2 ki2 aa2 I1 luv2 you2             2122 - 2122 - 2122 (non-standard) ����������������������� (47)  *देख हमें आवाज़ न देना, ओ बेदर्द ज़माने |           de2kh1 ha1meN2 aa2waa2z1 na1 de2naa2 o'2 be2dar2d1 za1maa2ne2            21122  /  21122  /  22211  /  22            2222 - 2222 - 2222 - 22  ����������������������� (48)  *मैं ख्याल हूँ किसी और का, मुझे सोचता कोई और है |            maiN1 kha1yaa2 l1 huuN2 ki1si1 au2r1 kaa2, mu1jhe1 so2cha1taa2 ko1ii1 au2 r1 hai2          *मेरे हम नफास मेरे हमनवा मुझे दोस्त बनके दगा न दे |           Me1 re1 hum2 na1 fas2 me1 re1 hum2 na1 waa2 mu1 jhe1 dos2 t1 ban2 ke1 da1 gaa2 na1 de2            *वो जो हम में तुम में करार था तुम्हे याद हो के न याद हो |              Vo1 jo1 hum2 me1 tu

ग़ज़ल कैसे लिखे, how to write a gazal 3

फ़िल्मी गानों की तकती - :बहर: पार्ट -3 फ़िल्मी गानों की तकती ����������������������� (31)  *छुपा लो यूँ दिल में प्यार मेरा की जैसे मंदिर में लो दिए की            12122 - 12122 - 12122 - 12122 ����������������������� (32)  *दोस्त दोस्त न रहा प्यार प्यार न रहा|          *झूमती चली हवा, याद आ गया कोई |          *हम तो जाते अपने गाँव सबकी राम राम राम | Hum2 to1 jaa2 te1 ap2 ne1 gaa2(v)// sab2 ko1 raa2 m1 raa2 m1 raa2 (m) You will see that the’v’ in gaav is left un accounted for’ An extra short syllable is allowed without accounting for it if it comes just before the compulsory stoppage sign( //=compulsory stoppage symbol)            212 - 1212 // 212 - 1212        ( hazaj musamman ashtar maqbuz)          शिकस्ता बहर  ����������������������� (33)  * चार दिन की चांदनी है फिर अंधेरी रात है  |             2122-2122-2122-212  ����������������������� (34)  *आपके हसीन रुख पे एक नया नूर है,           212-1212-1212-1212            मेरा दिल मचल गया तो मेरा क्या कसूर है |      

ग़ज़ल कैसे लिखे, how to write a gazal 2

फ़िल्मी गानों की तकती - :बहर: पार्ट -2 फ़िल्मी गानों की तकती �������������������� (16) *आपके पहलू में आकर रो दिए          *दिल के अरमां आंसुओं में बह गये          *तुम न जाने किस जहाँ में खो गये |          2122 - 2122 - 212  �������������������� (18)  *सौ बार जन्म लेंगे सौ बार फ़ना होंगे |          *हंगामा है क्यों बरपा, थोड़ी सी जो पी ली है |          *हम तुमसे जुदा होक मर जायेंगे रो रो के |          *जब दीप जले आना जब शाम ढले जाना |          *साहिल से खुदा हाफ़िज़ जब तुमने कहा होगा |          *इक प्यार का नगमा है, मोइजों की रवानी है |          *हम आपकी आँखों में इस दिल को बसा दे तो |            221 - 1222 - 221 - 1222 �������������������� (19)   *ये ज़ुल्फ़ अगर खुल के बिखर जाए तो अच्छा है                2211 - 2211 - 2211 - 22 �������������������� (20)  *न किसी की आँख का नूर हूँ, न किसी के दिल का करार हूँ           *मुझे दर्दे दिल का पता न था, मुझे आप किस लिए मिल गये           *न तो कारवां की तलाश है, न तो हमसफ़र की तलाश है            *तुझे क्या सुनाऊं मैं दिलरुबां,

ग़ज़ल कैसे लिखे, how to write a gazal

फ़िल्मी गानों की तकती - :बहर: पार्ट -1 फ़िल्मी गानों की तकती के कुछ उदाहरण ....        ●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●              1222 1222 1222 1222                              ( hazaj musamman salim ) (१) -#बहारों फूल बरसाओ मेरा महबूब आया है |       -#किसी पत्थर की मूरत से महोब्बत का इरादा है        -#भरी दुनियां में आके दिल को समझाने कहाँ जाएँ        -#चलो इक बार फिर से अजनबी बन जाएँ हम दोनों        *ये मेरा प्रेम पत्र पढ़ कर , कि तुम नाराज न होना       -#कभी पलकों में आंसू हैं कभी लब पे शिकायत है |        -#  ख़ुदा भी आस्मां से जब ज़मीं पर देखता होगा         *ज़रा नज़रों से कह दो जी निशाना चूक न जाए |        *मुहब्बत ही न समझे वो जालिम प्यार क्या जाने |        *हजारों ख्वाहिशें इतनी कि हर ख्वाहिश पे दम निकले |        *बहुत पहले से उन क़दमों की आहट जान लेते हैं |        *मुहब्बत हो गई जिनको वो परवाने कहाँ जाएँ |        *मुझे तेरी मुहब्बत का सहारा मिल गया होता |        *सुहानी रात ढल चुकी न जाने तुम कब आओगे |        *कभी तन्हाईयों में भी हमारी याद आएगी |        *परस