जी. बी. पंत इंजीनियरिंग कॉलेज घुडदौडी में चल रहे वार्षिक कार्यक्रम गूंज 19 का शुभारंभ इंग्लिश सोलो से हुआ जिसमें सभी विभागों के छात्र ने प्रस्तुति दी। इसके बाद ड़वेट् गाने की प्रस्तुति दी गयी जिसमे संगणक विभाग के प्रतिभागी ने 'कोई मिल गया' विद्युतीय विभाव ने 'पिया तू अब तो आजा' और सिविल अभियांत्रिकी से शीतल और करिश्मा ने 'मेरे ढोलना सुन, मेरे प्यार की धुन' पर प्रस्तुति दी। सेफ कम्पोज़ सॉन्ग/ स्वरचित गाने पर अपोलो टीम से अक्षय भट्ट, शुशांत रेवानी ने 'भूल जाने दो', यांत्रिक अभियांत्रिकी से गुरु गुसाईं ने 'कितने जमाने गए यार मेरे सभी पुराने' पर प्रस्तुति देकर बच्चों का मनोरंजन किया।
इसके बाद युगल नृत्य में संगणक विभाग के छात्र ने 'दिल वालो के दिल का करार लूटने', विद्युतीय विभाग के प्रतिभागी ने 'शिव तांडव', सिविल विभाग के छात्रों ने 'ओ जाने जानां' इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग ने 'जब कोई बात बिगड़ जाए', यांत्रिक अभियांत्रिकी की मानसी शाह ने 'सोना कितना सोना हैं' पर प्रस्तुति दी। इसके महिला एकल में संगणक विभाग की छात्रा ने 'मैं राधा तेरी तू श्याम मेरा' और सिविल विभाग की छात्रा ने 'छम्मा-छम्मा' इसके बाद हिंदी एकल में पुरुष एकल में विधुतीय विभाग ने 'झांझरिया' और सिविल से प्रतिभागी आकाश मनराल ने
चाँद सिफारिश पर बेहतरीन डांस करके समा बाँधा।
तत्पश्चात फॉल्क सॉन्ग पर संगणक विभाग के छात्रों ने 'मैं दिल्ली वाला सूरमा लगा के आई' एवं विद्युतीय विभाग के छात्र मगर राजपूत ने मशहूर पंजाबी गायक अर्श बेनिपाल के गाने 'नाराज़गी' पर शानदार प्रस्तुति दी। इसके बाद सन 1998 बैच से पासआउट संगणक विभाग के पूर्व छात्र निलाप सिंह ने पच्चीस साल पहले की और आज के दौर में हुए बदलाव के बारे में ज़िक्र करते हुए बताया कि और बहुत सी चीज़े बदली हैं बस जूनियर, सीनियर और शिक्षक के बीच वहीं प्रेम और मुहब्बत अब भी हैं।
कार्यक्रम का लेखा जोखा तारिक़ अज़ीम 'तन्हा' और कार्यक्रम मंच का संचालन सोनिया बिष्ट, नमन रस्तोगी, सैयद राफे, तन्वी अग्रवाल, आदि ने किया। इस निर्णायक में वी एम ठक्कर, ओएल देवी थे। इस मौके पर डॉ एमपीएस चौहान, डॉ आशिष नेगी, डॉ किरीट सेमवाल, दिनेश सिंह, अमित खंडेलवाल, हिमांशु रतूड़ी, प्रांशु डंगवाल, प्रीति सेमवाल, राहुल आर्य मौजूद रहे। छात्रों की कमेटी में अनुज नोटियाल, शुभम पांडेय, आदित्य सेमवाल, गौरव मलकानी, धैर्या गुप्ता, स्वेता सिंह आदि उपस्थित थे
फ़िल्मी गानों की तकती के कुछ उदाहरण .... 1222 1222 1222 1222 ( hazaj musamman salim ) (१) -#बहारों फूल बरसाओ मेरा महबूब आया है | -#किसी पत्थर की मूरत से महोब्बत का इरादा है -#भरी दुनियां में आके दिल को समझाने कहाँ जाएँ -#चलो इक बार फिर से अजनबी बन जाएँ हम दोनों *ये मेरा प्रेम पत्र पढ़ कर , कि तुम नाराज न होना -#कभी पलकों में आंसू हैं कभी लब पे शिकायत है | -# ख़ुदा भी आस्मां से जब ज़मीं पर देखता होगा *ज़रा नज़रों से कह दो जी निशाना चूक न जाए | *मुहब्बत ही न समझे वो जालिम प्यार क्या जाने | *हजारों ख्वाहिशें इतनी कि हर ख्वाहिश पे दम निकले | *बहुत पहले से उन क़दमों की आहट जान लेते हैं | *मुहब्बत हो गई जिनको वो परवाने कहाँ जाएँ | *मुझे तेरी मुहब्बत का सहारा मिल गया होता | *सुहानी रात ढल चुकी न जाने तुम कब आओगे | *कभी तन्हाईयों में भी हमारी याद आएगी | *परस्तिश की तमन्ना है, इबादत का इरादा है | (pa1ras2tish2 kii2 ta1man2na2 hai2 'i1baa2dat2 ka2 i1raa2daa2 h
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