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दिल है आईना-ए-हैरत से दो-चार आज की रात ग़म-ए-दौरां में है अक्स-ए-ग़म-ए-यार आज की रात ग़म-ए-दौरां=शोक का समय; अक्स-ए-ग़म-ए-यार=प्रेमी के शोक की छवि आतिश-ए-गुल को दामन से हवा देती है दीदनी है रविश-ए-मौज-ए-बहार आज की रात आतिश-ए-गुल=फूल की आग; दीदनी=देखने योग्य; रविश=व्यवहार; मौज=लहर आज की रात का महमां है मलबूस-ए-हरीर इस चमन-ज़ार में उगते हैं शरर आज की रात मलबूस-ए-हरीर=रेशमी कपड़ा; चमन-ज़ार=वाटिका; शरर=अंगारा मैं ने फ़रहद की आग़ोश में शीरीं देखी मैं ने परवेज़ को देख सर-ए-दार आज की रात आग़ोश=आलिंगन; सर-ए-दार=प्राणदण्ड की जगह जो चमन सर्फ़-ए-ख़िज़ां हैं वो बुलाते हैं मुझे मुझे फ़ुर्सत नहीं ऐ जान-ए-बहार आज की रात सर्फ़-ए-ख़िज़ां=पतझड़ की पकड़ में दर-ए-यज़दां पे भी झुकती नहीं इस वक्त जबीं मुझ से आँखें न लड़ा आज की रात दर-ए-यज़दां=दयालु भगवान; जबीं=मस्तक मशाल-ए-शेर का लाया हूँ चढ़ावा ‘आबिद‘ जगमागाते हैं शहीदों के मज़ार आज की रात

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फिल्मी गानों की तकती बहर पार्ट-1

फ़िल्मी गानों की तकती के कुछ उदाहरण ....           1222 1222 1222 1222                             ( hazaj musamman salim ) (१) -#बहारों फूल बरसाओ मेरा महबूब आया है |       -#किसी पत्थर की मूरत से महोब्बत का इरादा है       -#भरी दुनियां में आके दिल को समझाने कहाँ जाएँ       -#चलो इक बार फिर से अजनबी बन जाएँ हम दोनों       *ये मेरा प्रेम पत्र पढ़ कर , कि तुम नाराज न होना       -#कभी पलकों में आंसू हैं कभी लब पे शिकायत है |        -#  ख़ुदा भी आस्मां से जब ज़मीं पर देखता होगा        *ज़रा नज़रों से कह दो जी निशाना चूक न जाए |        *मुहब्बत ही न समझे वो जालिम प्यार क्या जाने |        *हजारों ख्वाहिशें इतनी कि हर ख्वाहिश पे दम निकले |        *बहुत पहले से उन क़दमों की आहट जान लेते हैं |        *मुहब्बत हो गई जिनको वो परवाने कहाँ जाएँ |        *मुझे तेरी मुहब्बत का सहारा मिल गया होता |        *सुहानी रात ढल चुकी न जाने तुम कब आओगे |        *कभी तन्हाईयों में भी हमारी याद आएगी |        *परस्तिश की तमन्ना है, इबादत का इरादा है | (pa1ras2tish2 kii2 ta1man2na2 hai2 'i1baa2dat2 ka2 i1raa2daa2 h

उर्दू से हिंदी शब्द कोश

🌹🌹 *उर्दू से हिंदी शब्द कोश*🌹🌹                    *क़िस्त 67* 🔹इफ़लास  افلاس(पु०अ०-इफ़्लास)दरिद्रता,ग़रीबी। 🔹इफ़लाह  افلاح(पु० अ०-इफ़्लाह)भलाई,उपकार। 🔹इफ़शा,अ افشا(पु०अ०-इफ़्शा) प्रकट करना,ज़ाहिर करना। 🔹अफ़शां افشاں(स्त्री०फ़ा०)चाँदी सोने का बुरादा जो औरतें बालों पर छिड़कती या मांग पर लगाती हैं,जो चीज़ छिड़की जाय। 🔹अफ़शानी افشانی(वा०स्त्री०फ़ा०)छिड़कना,बिखेरना। 🔹अफ़शुरदह افشردہ(वि०फ़ा०)निचोड़ा हुआ,पु०-वो शरबत जो फल इत्यदि निचोड़ कर बनाई जाय। 🔹इफ़हाम افہام(पु०अ०)समझाना। 🔹इफ़ाक़ा افاقہ)पु०अ०-इफ़ाकः)रोग आदि में कमी,होश में आना। 🔹इफ़ादत افادت(स्त्री०अ०)हित करना,लाभ पहुँचाना। 🔹इफ़दा افادہ( पु०अ०)लाभ,राहत। 🔹इफ़्तख़ार   افتخار(पु०अ०-इफ्तिख़ार)फ़ख़्र या अभिमान करना,प्रतिष्ठा,इज़्ज़त। 🔹इफ़्तताह افتتاح(पु०अ०)पु०अ०)खोलना,ज़ाहिर करना,बेनक़ाब करना,शुरू करना। 🔹इफ़्तिरा افترا(पु०अ०)झूठा कलंक,तोहमत। 🔹इफ़्तिरा परदाज़ افترا پرداز --तोहमत लगाने वाला,इल्ज़ाम लगाने वाला। 🔹इफ़्तिरा परदाज़ी افتراپردازی--बुहतान लगाना,तोहमत रखना,इल्ज़ाम लगाना। क्रमशःजारी ----------         

सामान तुक वाले शब्द

४ वर्ण के तुकांत शब्द : - छोहगर ३ वर्ण के तुकांत शब्द : - छोहगर २ वर्ण के तुकांत शब्द : - अँखिगर अगर अगर-बगर अग्गरअचगर अजगर अजागर अठोंगर अतिजागर अनागर अपगर अभिजागर असगर आकबती लंगर आगर आजगर उजागर उत्तरी सागर उत्तूगरउप-नगर उप-सागर कगर कग्गर कठंगर कनिगर कमंगर कमागर कमानगर कलईगर कसगर काँसागर कागर कारगर कारीगर कीमियागर कुंदीगर कुशीनगर कृष्ण सागर कैगर कोफ्तगर क्षीर-सागर खंगर गंगा-सागर गंधर्व-नगर गचगर गर गर्गरगागर गानगर गिरि-नगर गुण-सागर गुदगर घोगर चगरचिकनगर चुँदरीगर चोगर छग्गर छागर छीर-सागर छोहगरजगर जगरमगरजाँगर जागर जाणगर जादूगरजिगर जिल्दगर जोइगर झगर टगर टूगर टेंगर डंगर डगरडग्गर डाँगरडिंगरडूँगर डोंगरडोगरढींगरतगरतबकगर तसगरतीरगरत्र्यंगरदगरदधि-सागर दबकगरदबगरदया-सागरदहेंगर दाँगर दागर दादगर दान-सागर दिगर दिव्य-नगर दीगर दीपगर दुःख-सागर दोगरधंगर धाँगरधूर-डाँगर नंगर नगर नगीनागर नट-नागर नब्दीगर नय-नागर नाँवगर नागर निगरपनिगरपरिनगरपरिनागर पश्चिम-सागर पांडव-नगर पागरपुष्कर-सागर पूर्व-सागर पोगर प्रजागर