तेरा जिस्म हैं मानिन्दे मलबूसे हरीर हो गए हैं अब हम तेरे इश्के असीर जो राब्ता ना थे पहले मुहब्बत से आशना वो हैं अब सल्तनत ए वज़ीर चमन जारो में ना गुनगुनाया कर खीचे आते हैं जैसे पैरों में हो जंज़ीर दर ब दर इन नफरतो के शहर में गुनाह फ़क़त मुहब्बत के हैं फ़क़ीर
फ़िल्मी गानों की तकती के कुछ उदाहरण .... 1222 1222 1222 1222 ( hazaj musamman salim ) (१) -#बहारों फूल बरसाओ मेरा महबूब आया है | -#किसी पत्थर की मूरत से महोब्बत का इरादा है -#भरी दुनियां में आके दिल को समझाने कहाँ जाएँ -#चलो इक बार फिर से अजनबी बन जाएँ हम दोनों *ये मेरा प्रेम पत्र पढ़ कर , कि तुम नाराज न होना -#कभी पलकों में आंसू हैं कभी लब पे शिकायत है | -# ख़ुदा भी आस्मां से जब ज़मीं पर देखता होगा *ज़रा नज़रों से कह दो जी निशाना चूक न जाए | *मुहब्बत ही न समझे वो जालिम प्यार क्या जाने | *हजारों ख्वाहिशें इतनी कि हर ख्वाहि...
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