सबको रंग लगाओ के होली आ गयी,
कैलाश को सजाओ के होली आ गयी!
भीगा दो आज सबका तन-मन रंग से,
गुलाल लेकर आओ के होली आ गयी!
जो आज भी रो रहा कोने में बैठकर,
उसे भी गले लगाओ के होली आ गयी!
गिले-शिकवे की जगह ना हो दिल में,
फ़र्क़ यही मिटाओ के होली आ गयी!
मिसाल कायम हो जाए मिठास की,
मिठाईया खिलाओ के होली आ गयी!
इस बार होली पे मैं अकेला नहीं हूँ,
'तनहा' ना बताओ के होली आ गयी!
तारिक़ अज़ीम 'तनहा'
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