शऊरे-ग़ज़ल से क्या ग़रज़ मुझको,
हालात वज्न और वक़्त बहर हैं मेरी!
फ़िल्मी गानों की तकती के कुछ उदाहरण .... 1222 1222 1222 1222 ( hazaj musamman salim ) (१) -#बहारों फूल बरसाओ मेरा महबूब आया है | -#किसी पत्थर की मूरत से महोब्बत का इरादा है -#भरी दुनियां में आके दिल को समझाने कहाँ जाएँ -#चलो इक बार फिर से अजनबी बन जाएँ हम दोनों *ये मेरा प्रेम पत्र पढ़ कर , कि तुम नाराज न होना -#कभी पलकों में आंसू हैं कभी लब पे शिकायत है | -# ख़ुदा भी आस्मां से जब ज़मीं पर देखता होगा *ज़रा नज़रों से कह दो जी निशाना चूक न जाए | *मुहब्बत ही न समझे वो जालिम प्यार क्या जाने | *हजारों ख्वाहिशें इतनी कि हर ख्वाहिश पे दम निकले | *बहुत पहले से उन क़दमों की आहट जान लेते हैं | *मुहब्बत हो गई जिनको वो परवाने कहाँ जाएँ | *मुझे तेरी मुहब्बत का सहारा मिल गया होता | *सुहानी रात ढल चुकी न जाने तुम कब आओगे | *कभी तन्हाईयों में भी हमारी याद आएगी | *परस्तिश की तमन्ना है, इबादत का इरादा है | (pa1ras2tish2 kii2 ta1man2na2 hai2 'i1baa2dat2 ka2 i1raa2daa2 h
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