आओ आओ ऐ चाँद सितारों तुम्हारा इस्तक़बाल हैं,
तुम भीआओ तीरगी के मारोतुम्हारा इस्तक़बाल हैं!
दस्तक देने लगी फ़िज़ाएं,बारिशे,और सरसब्ज़,
गुलशन में ऐ कुदरतीनज़ारो तुम्हारा इस्तक़बाल हैं!
जिन लोगो ने मेहरो-माह से मुब्तिला ना रखा कभी,
सजी है महफ़िल दीये के प्यारो तुम्हारा इस्तक़बाल हैं!
तारिक़ अज़ीम 'तनहा'
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