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Showing posts from March, 2025

औरंगजेब ने बचाई थी एक पंडित की बेटी की इज़्ज़त

महान शासक औरंगजेब द्वारा किया गया एक ऐसा इन्साफ , जिसे देश की जनता से छुपाया गया l औरंगज़ेब काशी बनारस की एक ऐतिहासिक मस्जिद (धनेडा की मस्जिद) यह एक ऐसा इतिहास है जिसे पन्नो से तो हटा दिया गया है लेकिन निष्पक्ष इन्सान और हक़ परस्त लोगों के दिलो से (चाहे वो किसी भी कौम का इन्सान हो) मिटाया नहीं जा सकता, और क़यामत तक मिटाया नहीं जा सकेगा…।औरंगजेब आलमगीर की हुकूमत में काशी बनारस में एक पंडित की लड़की थी जिसका नाम शकुंतला था, उस लड़की को एक मुसलमान जाहिल सेनापति ने अपनी हवस का शिकार बनाना चाहा, और उसके बाप से कहा के तेरी बेटी को डोली में सजा कर मेरे महल पे 7 दिन में भेज देना…. पंडित ने यह बात अपनी बेटी से कही, उनके पास कोई रास्ता नहीं था और पंडित से बेटी ने कहा के 1 महीने का वक़्त ले लो कोई भी रास्ता निकल जायेगा…। पंडित ने सेनापति से जाकर कहा कि, “मेरे पास इतने पैसे नहीं हैं के मैं 7 दिन में सजाकर लड़की को भेज सकूँ, मुझे महीने का वक़्त दो.” सेनापति ने कहा “ठीक है! ठीक महीने के बाद भेज देना” पंडित ने अपनी लड़की से जाकर कहा “वक़्त मिल गया है अब?”लड़की ने मुग़ल सहजादे का लिबास पहन...

Aurangzeb’s Tomb: A Political Pawn or a Progress Blocker?" औरंगज़ेब की कब्र: राजनीतिक मोहरा या प्रगति में रुकावट?

औरंगज़ेब की कब्र: राजनीति का खिलौना या प्रगति में रुकावट? औरंगज़ेब, मुगल साम्राज्य का छठा बादशाह, 1707 में मर गया था, लेकिन उसकी साधारण सी कब्र आज भी भारत में हलचल मचाए हुए है। महाराष्ट्र के खुल्दाबाद में स्थित यह कब्र कुछ राजनीतिक दलों और समूहों के लिए विवाद का केंद्र बन गई है। कुछ इसे "मुगल अत्याचार" का प्रतीक मानकर हटाने की मांग कर रहे हैं, तो कुछ इसे इतिहास का हिस्सा बताकर बचाव कर रहे हैं। सवाल यह उठता है कि क्या औरंगज़ेब मरने के बाद भी भारत की तरक्की में रोड़ा बना हुआ है? या फिर यह सब खोखले राष्ट्रवाद का दिखावा है, जिसे कुछ पार्टियाँ अपने फायदे के लिए भुना रही हैं? आइए, इस मुद्दे को गहराई से समझें—आज की राजनीति, औरंगज़ेब के समय भारत के पास कितना धन था, और आज की स्थिति क्या है। कब्र को लेकर आज की सियासत औरंगज़ेब का शासन (1658-1707) अपने समय में विशाल और शक्तिशाली था, लेकिन विवादों से भरा भी था। उसने गैर-मुस्लिमों पर जज़िया कर फिर से लागू किया, कुछ मंदिरों को तोड़ा, और सख्त इस्लामी नीतियाँ अपनाईं, जिसके चलते वह इतिहास में एक ध्रुवीकरण करने वाला शासक बन गया। आज, 2025 में, उ...