यह वायरल तस्वीर फ़रवरी 2021 की है। इस तस्वीर के पीछे एक बहुत ही दिलचस्प कहानी है। तस्वीर में दिख रहे नौजवान का नाम "मेहर सअद-उ-ल्लाह मुहम्मद" है जो 1988 में पैदा हुआ था। मेहर ईराक़ के शहर ख़ालदिया के अल-ख़लीदियह का बाशिंदा है। जब यह नौजवान छोटा था तब इसके उस्ताद ने सबक़ पूरी करने की दरख़्वास्त के साथ ही एक फॉर्म (काग़ज़) भेजा था जिसमें बच्चे की ज़ाती कैफ़ियत और मुस्तक़बिल का डेटा शामिल था। दरअसल मेहर को बचपन ही से पायलट बनने की ख़्वाहिश थी। इसलिए मेहर की वालिदा ने मुस्तक़बिल वाले कॉलम में - "पायलट" लिख दिया था।
मेहर की वालिदा हमेशा मेहर से कहती थीं। कब तुम पायलट बनोगे और मुझे मक्का अल-मुकर्रमा लेकर चलोगे?
वक़्त तेज़ी से आगे बढ़ा और मेहर पायलट बन गए। पायलट बनने के बाद मेहर को वो काग़ज़ हाथ लगा जिसमें उनकी वालिदा ने मुस्तक़बिल के कॉलम में पायलट लिखा था। मेहर ने उस कागज़ पर अपनी तस्वीर लगाई और अपनी स्टोरी शेयर की...मेहर जब अपनी वालिदा को लेकर मक्का निकले थे तब उन्होंने मुसाफ़िरों से कहा था।
"मेरी मां बताती हैं- मैं हमेशा तुमसे कहती थी तुम कब पायलट बनोगे और मुझे कब मक्का लेकर जाओगे? मेरी वालिदा आज उमरा के सफ़र पर जाने वाले मुसाफ़िरों में से एक हैं और मैं मेहर सअद-उ-ल्लाह मुहम्मद आपका पायलट हूं। मक्का अल मुकर्रमा जाने वाली फ्लाइट नंबर 2260 में आपके साथ हूं आप सबका ख़ुश आमदीद"
तारिक़ अज़ीम 'तनहा'
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