सितारों तुम अब तो सो जाओ
के रात अभी बाकी है
मुझे भी नींद आती हैं
दीपक बुझे जा रहे हैं
बेताब हुए जा रहे हैं
हवाये ठंडी हो गयी
मौसम में नमी हो गयी
तुम अब खवाबो में खो जाओ
सितारों तुम अब तो सो जाओ
चाँद नज़र दिखाने लगा
दिलकश नज़र आने लगा
कलम अब थम गयी हैं
नब्ज़ मेरी जम गयी हैं
खूबसूरती रात पे आने लगी
मदमस्त होकर छाने लगी
तुम भी इनके दीवाने हो जाओ
सितारों तुम अब तो सो जाओ
शाम कहकर गयी मुझसे
रुसवा होकर गयी मुझसे
वो रूठा हैं एक बात लेकर
नाराज़ हैं मेरा साथ लेकर
क्या से क्या हो गया हैं
वो मुझसे जुदा हो गया हैं
तुम अब सबसे जुदा हो जाओ
सितारों तुम अब तो सो जाओ
कल का दिन फिर जायेगा
'तनहा' उसमे घिर जायेगा
हालात से समझौता होगा
मंज़िल का न्यौता होगा
फिर घर से निकल पड़ेंगे
अपनी राह पर चल पड़ेंगे
अपनी राह पे निकल तो जाओ
सितारों तुम अब तो सो जाओ
ये तो रोज़ चलता रहेगा
सुरज़ रोज़ निकलता रहेगा
छिप जाएगा वो कोने में
क्या होना, उसका होने में
नाराज़ को नाराज़ रहने दो
तुम बस अपना साज़ रहने दो
जिंदगी खुलकर जीये जाओ
बेवजह खुश हुए जाओ
पलके भारी होती जा रही
मुझे भी अब नींद आ रही
बस तुम भी बेपरवाह हो जाओ
सितारों तुम अब तो सो जाओ
तारिक़ अज़ीम 'तनहा'
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