हज़ारो की भीड़ में मिली थी वो
बस ऐसे ही बात
की तो अच्छा लगा,
हालांकि उसका प्रथम वर्ष था
तो मैंने उसे थोडा सहारा दिया
उसका काम था फोटोग्राफी
उसके अंदर एक ललक थी,
उसकी बातो से लगता था
की वो आकाश को छूना
चाहती हैं, इन हवाओ में
खुशबू खोलना चाहती हैं!
वो चाहती हैं की कॉलेज
में उसे पहचान मिले, उसका
नाम मिले। बस यही जान
पाया हूँ अब तक उसका दिल बहुत
अच्छा हैं, ईर्ष्या, नफरते उससे
बहुत दूर हैं, आखिर सबकी
लाड़ली जो हैं, कॉलेज में सब उसे
बहुत पसंद करते हैं! मानवता का
उदाहरण समझ लीजिये, अपने
नाम की तरह उसकी बातो में भी
खुशबू हैं, बिलकुल बच्ची सी
हैं, प्यारी भी और मैं तो उसे तो उसे
बच्चे-बच्चे कहकर ही बात करता
हूँ।
फ़िल्मी गानों की तकती के कुछ उदाहरण .... 1222 1222 1222 1222 ( hazaj musamman salim ) (१) -#बहारों फूल बरसाओ मेरा महबूब आया है | -#किसी पत्थर की मूरत से महोब्बत का इरादा है -#भरी दुनियां में आके दिल को समझाने कहाँ जाएँ -#चलो इक बार फिर से अजनबी बन जाएँ हम दोनों *ये मेरा प्रेम पत्र पढ़ कर , कि तुम नाराज न होना -#कभी पलकों में आंसू हैं कभी लब पे शिकायत है | -# ख़ुदा भी आस्मां से जब ज़मीं पर देखता होगा *ज़रा नज़रों से कह दो जी निशाना चूक न जाए | *मुहब्बत ही न समझे वो जालिम प्यार क्या जाने | *हजारों ख्वाहिशें इतनी कि हर ख्वाहिश पे दम निकले | *बहुत पहले से उन क़दमों की आहट जान लेते हैं | *मुहब्बत हो गई जिनको वो परवाने कहाँ जाएँ | *मुझे तेरी मुहब्बत का सहारा मिल गया होता | *सुहानी रात ढल चुकी न जाने तुम कब आओगे | *कभी तन्हाईयों में भी हमारी याद आएगी | *परस्तिश की तमन्ना है, इबादत का इरादा है | (pa1ras2tish2 kii2 ta1man2na2 hai2 'i1baa2dat2 ka2 i1raa2daa2 h
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