इंडिया से एक आदमी अमेरिका जाता है और वह माइक्रोसेफ्ट का चीफ बन जाता है, एक आदमी गूगल का CEO बन जाता है, एक आदमी अडोबी का CEO बन जाता है एक आदमी IBM का CEO बन जाता है।
ऐसे ही एक आदमी साउथ अफ्रीका से अमेरिका जाता है और वो अमेरिका जाकर ना केवल अमेरिका का सबसे बड़ा आदमी बनता है बल्कि वह दुनिया का सबसे अमीर आदमी बन जाता है।
अमेरिका सरकार का सबसे बड़ा क्रिटिक होकर भी वो दुनिया का सबसे बड़ा फ्री स्पीच का प्लेटफार्म खरीदता हैं ,
वह ऐसा इसलिए कर पाता है, क्योंकि अमेरिका दुनिया भर से आये प्रतिभाओं का सम्मान करता है वो अपने सभी नागरिकों को और दुनिया भर से वीजा लेकर काम करने आए लोगो को भी अपने देश की तरक्की का भागीदार मानता है उन्हे आगे बढ़ने का मौका देती है।
और ऐसे समय मे हम क्या कर रहे है? हम यानी दुनिया का सबसे यंग पॉपुलेशन वाला देश अपने युवाओं को रोजगार तो नही दे रहे बल्कि उन्हें एक दूसरे के कान मे अजान और हनुमान चालीसा चिल्लाने के काम मे लगाए हुए हैं।
जब इस दौर का इतिहास लिखा जायेगा तो उसमे यह भी लिखा जायेगा की जब दुनिया तरक्की कर रहा था तब भारत के 80% लोग खाने के लिए मुफ्त सरकारी 5 किलो अनाज पर पल कर अपना धर्म बचा रहे थे।
तारिक़ अज़ीम 'तनहा'
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