पहाडो-आसमा पे तारे नज़र आते हैं,
जलते और बुझते सारे नज़र आते हैं!
पहाड़ो-आसमा:- पहाड़ और आसमा
हमारी गवाही लोग दे मुमकिन कहाँ.
सब तरफदार तुम्हारे नज़र आते हैं!
परेशान हैं सब अब दर्दे-मुहब्बत से,
हम भी इश्क़ में मारे नज़र आते हैं!
कलम ओ कागज़ भी एक सहारा हैं,
'तनहा' लिखके सहारे नज़र आते हैं!
जो खुदको सिकंदरे-मामूर कहता हैं,
वो भी तो इश्क़ से हारे नज़र आते हैं!
सिकंदरे-मामूर; दुनिया का बादशाह
%%%%तारिक़ अज़ीम 'तनहा'%%%%
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