मैं भंवर में हूँ, तू किनारा दे दे!
मैं डूब रहा हूँ, तू सहारा दे दे!!
हैं गरचे बेशुमार दौलत पास!
तू उसे गरीब में खसारा दे दे!!
दिया था जो लबो से छूकर!
वो जाम मुझको दुबारा दे दे!!
जो आँखे पुकारती नजीब को!
लाकर उस माँ को दुलारा दे दे!!
मत चीख के ज़माना बहरा हैं!
'तनहा' लिखके इशारा दे दे!!
तारिक़ अज़ीम 'तनहा'
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